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हाथरस भगदड़: लाशों की संख्या देखकर बर्दाश्त नहीं कर पाया पुलिस जवान, दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत

हाथरस भगदड़: लाशों की संख्या देखकर बर्दाश्त नहीं कर पाया पुलिस जवान, दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत
हाथरस भगदड़: लाशों की संख्या देखकर बर्दाश्त नहीं कर पाया पुलिस जवान, दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत (image via ZeeNews)

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए धार्मिक आयोजन में मची भगदड़ में 116 लोगों की मौत हो गई। यह दर्दनाक घटना 1 जुलाई को हुई। इस घटना के दौरान एक पुलिस जवान, लाशों की संख्या देखकर बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसे दिल का दौरा पड़ गया। इस हादसे में उसकी भी जान चली गई।

इस भगदड़ का कारण अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्थित प्रबंधन बताया जा रहा है। हाथरस के एक प्रमुख मंदिर में यह धार्मिक आयोजन था, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए थे। मंदिर में अधिक श्रद्धालु पहुंचने के कारण भगदड़ मच गई। भीड़ नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस बल मौजूद था, लेकिन भीड़ इतनी अधिक थी कि पुलिस भी बेबस हो गई।

घटना के दौरान पुलिस जवान राजेश कुमार, जो कि 45 वर्ष के थे, अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। जब उन्होंने बड़ी संख्या में शवों को देखा तो वह सदमे में आ गए। अचानक से उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

राजेश कुमार के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। उनके परिवार को इस घटना से गहरा सदमा पहुंचा है। स्थानीय अधिकारियों ने राजेश के परिवार को आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है।

घटना के बाद से पूरे इलाके में शोक का माहौल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को ₹5 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार घायल लोगों का मुफ्त इलाज करवाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

यह हादसा भीड़ प्रबंधन की खामियों को उजागर करता है। इतने बड़े आयोजन के लिए उचित व्यवस्था न होने के कारण यह दुर्घटना हुई। स्थानीय प्रशासन और आयोजन समिति पर भी सवाल उठ रहे हैं।

इस भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों का दुख असीम है। घायल लोग अस्पतालों में उपचाराधीन हैं। डॉक्टर उनकी देखभाल में जुटे हैं, लेकिन कई घायलों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

घटना के बाद से पूरे देश में इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं। कई लोग इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियम और प्रबंधन की मांग कर रहे हैं।

हाथरस भगदड़ की इस घटना से एक बार फिर साबित हो गया है कि बड़े आयोजनों में भीड़ नियंत्रण के लिए उचित प्रबंधन कितना जरूरी है। प्रशासन को इस दिशा में कड़े कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

इस हादसे में पुलिस जवान राजेश कुमार की मृत्यु ने इस त्रासदी को और भी मार्मिक बना दिया है। उनके सहकर्मी और स्थानीय लोग उन्हें एक बहादुर और समर्पित अधिकारी के रूप में याद कर रहे हैं। उनकी मौत ने इस घटना की गंभीरता को और बढ़ा दिया है।

अभी जांच चल रही है और दोषियों को सजा दिलाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच, मृतकों के परिवारों को सांत्वना देने और घायलों की देखभाल के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है।

इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और धार्मिक आयोजनों के दौरान भीड़ प्रबंधन की आवश्यकता को पुनः रेखांकित किया है। प्रशासन और आयोजन समितियों को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाओं से बचा जा सके।

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